Tuesday, 22 September 2015

बस रोज-रोज ना जाइए कहीं...

भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा लगभग रोज ही अपनी पार्टी की विरोधी पार्टी के नेता नीतीश कुमार से मिलने जाते हैं, फिर नीतीश कुमार की तरफ से सिन्हा जी को कोई जबरदस्त पेशकश नहीं की गई है। इसकी वजह नीतीश कुमार जी के यहां किसी ने यह बताई - सिन्हाजी इतनी बार इतनी रेगुलरटी के साथ आते हैं यहां कि लोग समझने लगे हैं कि कहीं ये फ्लिपडील या स्नैपकार्ट ऑनलाइन स्टोर के डिलीवरी-मैन तो नहीं हैं। नोट- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि रोज कहीं भी नहीं जाना चाहिए, वरना इज्जत का लेवल किसी ई-कामर्स वेबसाइट के डिलीवरी-मैन जैसा हो जाता है। इंद्राणी मुखर्जी उर्फ राष्ट्र इंद्राणी मुखर्जी के टीवी कवरेज से पके-बोर हुए दर्शकों को समझना चाहिए कि इंद्राणी मुखर्जी परिवार जनसंख्या के मामले में ही अपने आप में छोटा-मोटा राष्ट्र नहीं है, बल्कि उसमें एक राष्ट्र की सारी खूबियां मौजूद हैं। अमीर लोग, गरीब लोग-इंद्राणी के तमाम पतियों में हर वर्ग का पति मिल सकता है। अंधविश्वास और तार्किकता- इंद्राणी की बेटी ने उसे चुड़ैल बताया और इंद्राणी एकदम तर्क में यकीन करती थी, पैसे हासिल करने का कोई भी तर्क उसे समझ में आता था। एकता की प्रतीक- पूरे देश का टीवी मीडिया सिर्फ और सिर्फ इंद्राणी मुखर्जी के कवरेज के मसले पर इतना एक हो गया कि अभिनेता संजय दत्त पेरोल लेकर निकल लिए, आतंकवादी वारदात करके निकल लिए, शेयर बाजार नेताओं के चरित्र की तरह गिर गया, फिर भी टीवी चैनलों ने सिर्फ इंद्राणी मुखर्जी के प्रति एकता दिखाई। न्याय-अन्याय की प्रतीक- कई लोग समझते हैं कि टीवी चैनलों ने इंद्राणी के कवरेज के साथ न्याय किया, पर कई लोग समझते हैं कि टीवी कवरेज के मामले में इंद्राणी ने राधे मां, ललित मोदी के साथ अन्याय ही कर दिया। उम्मीद पर दुनिया जनता परिवार, तमाम किस्म के जनता दलों, जनता पार्टियों में एकता हो जाएगी, अब भी ऐसी उम्मीद रखने वालों को उतना भोला या बेवकूफ माना जा सकता है, जो सन्नी लियोनी की फिल्में कई बार सिर्फ और सिर्फ इसी उम्मीद में देख जाते हैं कि सन्नीजी के अति संक्षिप्त वस्त्र क्या पता इस बार भूल-चूक में ही यहां-वहां हो जाएं।

Unknown

Author & Editor

Has laoreet percipitur ad. Vide interesset in mei, no his legimus verterem. Et nostrum imperdiet appellantur usu, mnesarchum referrentur id vim.

0 comments:

Post a Comment

 
biz.