Tuesday, 22 September 2015

लुगायां रो ब्रत, कमजोरी नइ आवे


पति पत्नी से- कई बात है आज नाश्तों कोणी बणायो पत्नी- आज तो व्रत है नी पति- आज थारो व्रत है कई?  पत्नी- हां जी पति- कई खायो?  पत्नी- कोई खास नहीं जी पति- फेर भी कई तो खा लेवती? पत्नी- मैं तो थोड़ा सो...केला, सेव, अनार, मूंगफली, फ्रूट क्रीम, आलू की टिक्की, साबूदाने की खीर, साबूदाने रा पापड़, कुट्टू री पूरी, सावंख, सिंघाडे रे आटे रो हलवो, साबूदाने री खिचड़ी, सुबह-सुबह थोड़ी सी चाय पी और अबे जूस पी रही हूं। आज व्रत है नी, इ वास्ते बाकी तो कई खावणो कोणी..। पति- थोड़ो आमरस या पपितो खा लेवती। पत्नी- बे सब तो शाम ने खावुला पति- तू तो बोत ही सख्त व्रत राखे है, ओ हर कोई रे बस री बात कोइनि। और कुछ खाने रि इच्छा है? देखलिए कठैई कमजोरी नइ आय जावे। पत्नी- नहीं जी कमजोरी नी आवे इरे वास्ते तो सुबह उठते ही बादाम काजू खा लिया है। पति- फेर भी धयान राखजो।

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