सभी मजनुओं को सूचित किया जाता है कि खतरा टल गया है। अब डरने की कोई बात नहीं है। रक्षाबंधन 364 दिन बाद ही आएगा।स्थिति पूरे नियंत्रण में है। अपनी ड्यूटी में फिर से हाजिर हो जाएं। अशोक गगोरानी ------------- शादीशुदा इंसान की लॉटरी भी लग जाए तो इतनी खुशी नहीं होती, जितनी पत्नी के फेंके चम्मच और बेलन के टकराकर वापस उसी के लग जाने पर होती है। सुनील जैन, विदिशा ---------------- इतने हथियार आज तक वैज्ञानिकों ने भी ईजाद नहीं किए, जितने मां के पास होते थे, हमें पीटने के लिए। गीतिका कन्हौआ, भोपाल ------- धूल भरी सड़कों पर खुद से ज्यादा चिंता स्मार्टफोन के इअरफोन और चार्जर वाले होल में धूल चले जाने की होती है
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