Friday, 10 July 2015

खा ले वर्ना अंकल को दे दूंगी

सुबह-सुबह बस में बगल वाली सीट पर एक महिला अपने बच्चे के साथ बैठी हुई थी।
महिला के हाथ में टिफिन था जिसमें हलवा रखा हुआ था। वह बच्चे को हलवा खिलाने की कोशिश कर रही थी लेकिन बच्चा खाना नहीं चाहता था, नखरे कर रहा था।
महिला बार-बार बच्चे से कह रही थी- बेटा, जल्दी से हलवा खा लो नहीं तो मैं बगल में बैठे अंकल को दे दूंगी।
बच्चे को शायद भूख नहीं थी इसलिए वह टिफिन की तरफ देख भी नहीं रहा था। महिला बार-बार वही बात दोहरा रही थी, जल्दी से खा लो वर्ना हलवा अंकल को दे दूंगी।
जब काफी देर हो गई तो पप्पू बोला- बहनजी, आपको जो फैसला करना है, जल्दी कीजिए। आपके हलवे के चक्कर में मैं 4 स्टॉप आगे आ गया हूं।

Unknown

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