Tuesday, 14 July 2015

जब भी मैं बिस्तर पर लेटता हूं, मुझे लगता है कि बिस्तर के नीचे कोई है!

एक आदमी मनोचिकित्सक के पास गया और बोला, "डॉक्टर साहब मैं बहुत परेशान हूं। जब भी मैं बिस्तर पर लेटता हूं, मुझे लगता है कि बिस्तर के नीचे कोई है। जब मैं बिस्तर के नीचे देखता हूं तो लगता है कि बिस्तर के ऊपर कोई है। नीचे, ऊपर, नीचे, ऊपर, यही करता रहता हूं। सो नहीं पाता हूं। मेरा इलाज कीजिए, नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगा।' डॉक्टर ने कहा, "तुम्हारा इलाज लगभग दो साल तक चलेगा। तुम्हें सप्ताह में तीन बार आना पड़ेगा। अगर तुमने मेरा इलाज मेरे बताए अनुसार लिया, तो तुम बिलकुल ठीक हो जाओगे।'  मरीज : पर डॉक्टर साहब, आपकी फीस कितनी होगी?  डॉक्टर : सौ रुपए प्रति मुलाकात। आदमी गरीब था इसलिए फिर आने का कहकर चला गया। लगभग छ: महीने बाद वही आदमी डॉक्टर को सड़क पर घूमते हुये मिला, "क्यों भाई, तुम फिर अपना इलाज कराने क्यों नहीं आए?' मनोचिकित्सक ने पूछा।  "सौ रुपए प्रति मुलाकात में इलाज कैसे करवाऊं? मेरे पड़ोसी ने मेरा इलाज सिर्फ बीस रुपए में कर दिया', आदमी ने जवाब दिया।  डॉक्टर : अच्छा! वह कैसे?  मरीज : दरअसल वह एक कारपेंटर है, उसने मेरे पलंग के चारों पाए सिर्फ पांच रुपए प्रति पाए के हिसाब से काट दिए।

Unknown

Author & Editor

Has laoreet percipitur ad. Vide interesset in mei, no his legimus verterem. Et nostrum imperdiet appellantur usu, mnesarchum referrentur id vim.

0 comments:

Post a Comment

 
biz.