Tuesday, 14 July 2015

दुआएं या बद्दुआएं? सदा चमकते रहो- आज उसके सिर पर एक भी बाल नहीं हैं

छगन की दुआओं का असर-  राजू को दुआ दी "सदा मुस्कुराते रहो'- आज वह पागलखाने में है।  मोनू को दुआ दी "सब तेरे इशारे पर चलें'- आज वह ट्रैफिक हवलदार है।  रामू को दुआ दी "तुम्हारी जिंदगी में फूल खिलते रहें'- आज वह स्कूल में माली है।  बबलू को दुआ दी "सदा चमकते रहो'- आज उसके सिर पर एक भी बाल नहीं हैं।  पिंकी को दुआ दी "दूसरों के दुःख-दर्द दूर करो'- आज वह हॉस्पिटल में नर्स है  उसका इरादा अब आप सबके लिए दुआ करने का है, अगर कुछ खास दुआ करनी हो तो बता दीजिए!  ------------ डॉक्टर से वसूली  एक डॉक्टर ने नया क्लिनिक खोला और बाहर लिखवा दिया, "हमारी फीस 500 रुपए है और अगर हम इलाज ना कर पाएं तो 2,000 रुपए देंगे।' मंगलू ने सोचा अच्छा मौका है 2000 रुपए कमाने का। वह क्लिनिक गया और डॉक्टर से बोला, "डॉक्टर मेरी जीभ को कोई स्वाद महसूस नहीं हो रहा।' डॉक्टर ने नर्स को आवाज दी, '22 नंबर बॉक्स में से एक चम्मच भर के देना।' डॉक्टर ने मंगलू को दवा पिला दी। मंगलू चिल्लाया, 'यह तो बहुत कड़वी है।' डॉक्टर बोला, 'बधाई हो, आपकी जीभ का स्वाद वापस गया।' और मंगलू 500 रुपए देने पड़े। पैसे वसूलने के लिए वह फिर डॉक्टर के पास पहुंचकर बोला, "डॉक्टर, मेरी याददाश्त चली गई है।' डॉक्टर ने नर्स को आवाज दी, '22 नंबर बॉक्स में से एक चम्मच देना।' कड़वी दवाई के डर से मंगलू बोला, 'पर वह तो जीभ की बीमारी के लिए थी न?' डॉक्टर बोला, 'बधाई हो आपकी याददाश्त वापस गई है।

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