आतंकवादियों में व्यापमं... आतंकवादियों और आतंक से बेहतर तरीके से कैसे निपटा जाए, इस संबंध में ये सुझाव मिले हैं - एक व्यापमं आरोपी ने बताया कि आतंकवादियों की भर्ती अगर व्यापमं के तरीके से होने लग जाए, तो आतंकी वारदातों में एकदम कमी आ जाएगी। सिर्फ नालायक, निकम्मे भर्ती होंगे, जो कुछ भी करने में असमर्थ होंगे। किसी भी लिहाज से असमर्थ आतंकी हों, तो उनसे निपटना आसान हो जाएगा। आतंकवाद पर पूनम पांडे जी यह इतना जटिल मसला है कि मैं इस पर वस्त्र-मुक्ति-अभियान छेड़ने की बात भी नहीं कह पाती, जो मैं ऑलमोस्ट हर मसले पर कह पाती हूं कि ऑस्ट्रेलिया से इंडियन टीम जीत गई, तो वस्त्र-मुक्त हो जाऊंगी या आज सुबह सूरज पूरब से ही निकला तो वस्त्र-मुक्त हो जाऊंगी। आलिया भट्ट ने बुद्धिमत्ता की कोई बात कह दी, तो वस्त्र-मुक्त हो जाऊंगी। आतंकवाद के मसले पर मैं ऐसा कोई ऑफर ना कर सकती हूं। आतंकवाद पर शत्रुघ्न सिन्हा सवाल : आतंकी वारदातों में फांसी पाए आतंकियों की वकालत करके आप आतंकवाद से कैसे निपटेंगे? शत्रुघ्न सिन्हा : सिंपल। सारे आतंकियों को रिहा कर दो, फिर और आतंकी वारदातें होंगी। वारदातें बढ़ेंगी, तो आम पब्लिक वो इलाका, वो प्रदेश, वो देश छोड़ने को मजबूर हो जाएगी। ऐसे पब्लिक आतंकवादियों से दूर हो जाएगी। आतंकवाद पर अमिताभ बच्चन देखिए, मेरे पास हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यह है कि मैं एक इश्तिहार कर सकता हूं। पर आतंकियों को आतंक छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए कोई नया इश्तिहार बनाया जा सकता है। मेरे पुराने इश्तिहार आतंकी ना ही देखें, तो बेहतर कि कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में। आतंकवाद पर आलिया भट्ट सवाल : आप बताएं आतंकवाद पर आपके पास क्या सुझाव हैं? आलिया भट्ट : देखिए, अगर आतंकवाद किसी पिक्चर का नाम नहीं है, तो मैं इस पर कुछ नहीं बोलूंगी। मैं फिल्मों के अलावा किसी विषय पर कुछ बोलती हूं, तो लोग हंसते हैं। पापा ने कहा कि मैं जब बड़ी हो जाऊं, तो तब ही तमाम विषयों पर बोलूं। सवाल : तो क्या आप अभी बड़ी नहीं हुई हैं? आलिया भट्टा : क्या आपको अब भी ऐसा लगता है कि मैं बड़ी हो चुकी हूं? आलोक पुराणिक (लेखक जाने-माने व्यंग्यकार हैं
Monday, 3 August 2015
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