Saturday, 22 August 2015

एक भोपाली की प्रेम कथा और पार्क में हुआ कुछ ऐसा

एक भोपाली की प्रेम कथा.... . . . लड़का- तुम मेरे दिल में, ख्वाबों में रेते हो.. . . लड़की- अल्लाह कसम भाई जान आपको किसी ने लपक के मामू बनाया हेगा हम तो इतवारे में रेते हेंगे... -------- एक लड़का पार्क में पेड़ के पीछे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ खड़ा था। एक बुजुर्ग आदमी पास से गुज़रा और बोला: वाह-वाह खूब अच्छे। अपने मां-बाप का उम्दा नाम रोशन कर रहे हो। खूब तरक्की करोगे खानदान वाले तुम लोगों को खास तोहफे बांटेंगे तुम्हारे इस काम पर। . . फिर बुजुर्ग थोड़ा शांत होतो हुए- "बेटे, क्या यह हमारी तहजीब है ?" . . लड़का:"नहीं अंकल, यह तो उस्मान अंकल की तंजीम है। आप दूसरे पेड़ के पीछे 'चेक' कीजिये

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